बैतूल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बैतूल प्रवास के दौरान एनएसयूआई के द्वारा युवाओं एवं छात्रों संबंधित समस्याओं का ज्ञापन एनएसयूआई सौपना चाहती थी। एनएसयुआई जिलाध्यक्ष गौरव खातरकर ने बताया कि युवा एवं छात्र विरोधी मुख्यमंत्री ने ज्ञापन नहीं लिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मप्र के मुख्यमंत्री युवाओं एवं छात्राओं की समस्याओं के प्रति कितने संवेदनशील है। श्री खातरकर ने बताया कि श्री चौहान की हठधर्मिता के चलते हमारा ज्ञापन नहीं लिया गया, मजबूरन ज्ञापन बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा को सौंपना पड़ा। इससे पूर्व एनएसयूआई स्टेडियम चौक पर धरने पर दो घंटे तक बैठकर शिवराज विरोधी नारे शिवराज तेरे राज में युवा मर गये ब्याज में नारे लगाये गये।
क्या मांगे थी ज्ञापन में
शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही एनएस.यू आई. के पदाधिकारियों व कॉलेज के छात्रों के द्वारा वार्षिकोत्सव मनाने के संबंध में भैसदेही कॉलेज प्राचार्य डॉ डी.एन. खासदेव द्वारा पदाधिकारियों व छात्रो से कहा कि मैं तुम जैस सडक़ झाप लोगों से बात नहीं करता एवं उनके द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। प्राचार्य खासदेव का व्यवहार अति निंदनीय है, शिक्षा के क्षेत्र ऐसे शिक्षकों के व्यवाहार से शिक्षा का मंदिर कलंकित हो रहा है। शासकीय कॉलेज के प्राचार्य श्री खासदेव को तत्काल बर्खास्त किया जाए। जिले में शासकीय व निजी कॉलेजों में वर्ष 2012 से कई छात्रों को छात्रवृत्ति अभी तक नहीं मिली है। ऐसे सस्थाओं के प्रमुख के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही कर छात्रों को छात्रवृत्ति मिलना सुनिश्चत किया जाये। जेएच कॉलेज में 2015-16 में शासन की ओर एससी, एसएसटी के छात्रों को नि:शुल्क 1500 रूपये की किताबे दी जाने का प्रावधान है किन्तु छात्रों को 500 रूपये की ही किताबें प्रदान की गई है। विषय संबंधित किताबें सेमेस्टर समाप्त होने के पश्चात प्रदान की गई है शेष किताबें नहीं प्रदान की गई है। जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है।
शासन की योजना अनुसार बुक बैंक योजना के तहत एससी एसटी छात्रों को प्रतिवर्ष 500 रूपये तक की नि:शुल्क स्टेशनरी (रजिस्टर, केलकुलेर, कापियां व अन्य पाठ्य सामग्री) प्रदान की जाती है। लेकिन देखने में आ रहा है कि जेएच कॉलेज में प्रदान की गई स्टेशनरी में पर एमआरपी बहुत अधिक राशि की अंकित है। उदाहरण के लिए एक केलकुलेटर पर 198 रूपये अंकित है जबकि इसका वास्तविक बाजार मूल्य 100 है। ऐसा ही अन्य सामग्री में ही देखने को मिल रहा है। स्टेशनरी वितरण में भी कॉलेज प्रबंधन द्वारा अनियमितता की जा रही है। युवाओं को मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना के अंतर्गत ऋण प्रदाय करने की योजना है। इस योजना का युवाओं को कोई लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है। बैंक के चक्कर काटना पड़ रहा है, यह योजना युवाओं के साथ छलावा ही है। शिक्षा के क्षेत्र में जो छात्रों को उ”ा शिक्षा के लिए ऋण देने की व्यवस्था बनाई गई है। जो पूरी तरह असफल है और युवा वर्ग इसके लिए बैंक के चक्कर काट रहें हैं। मप्र में विगत 12 वर्षो से भाजपा की सरकार है परन्तु युवाओं को रोजगार देने में असमर्थ है, सिर्फ वादे किए गये है। बैतूल जिले में भी बेरोजगारों का अंबार लगा हुआ है। बैतूल जिलें उद्योग स्थापित करें जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान हो सके। ज्ञापन में मांग की गई थी कि एनएसयूआई बैतूल आपसे अनुरोध करती है उक्त बिंदुओं पर शीघ्र कार्यवाही करने के निर्देश जारी करने का कष्ट करें।
धरना देने वालों में जिला महासचिव ब्रजेश माली, डिगम्बर पारधी, ब्लाक अध्यक्ष अमन माली, नगर अध्यक्ष शुभम पंवार, आकाश गंगारे, अजय नागले, वकार मेमन, गिरीराज चौकीकर, हनी चढ़ोकार, जितेन्द्र इवने, शीतल परिहार, विपिन पटले, दिलीप मायवाड़, अभिषेक सोनी, नंदकिशोर कास्देकर, अंकित पंवार, सुरेन्द्र सुहाने, प्रतीक सोनी, सुदामा यादव, हनी सोनी, प्रशांत चौधरी, अतुल गोठी, अंकित बारपेटे, शिवप्रसाद नागले, आशीष पंडोले, अक्षय ठाकरे, धीरज पदमाकर, विकास घोरसे, अंकुर नरवरे, दिनेश ठाकरे, राहुल चंदेलकर, अनीश शेषकर, विपिन इरपाचे,दिलीप धुर्वे, अलकेश उइके, शुभम महाले, आदि उपस्थित थे।