ग्राम खैरवानी में पाँच दिवसीय पावन प्रज्ञापुराण कथा एवं पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ में उमड़ा जनसैलाब
मुलताई- ग्राम खैरवानी में पाँच दिवसीय प्रज्ञापुराण कथा एवं गायत्री महायज्ञ में शान्तिकुंज हरिद्वार से आये प्रखर वक्ता प्रज्ञा पुराण कथा वाचक पंडित दिनेश पटेल ने शनिवार शाम को पावन प्रज्ञा पुराण कथा एवं सहस्त्र वेदीय दीपमहायज्ञ में उपस्थित जनसमुदाय को प्रज्ञा पुराण कथा के महत्व को बताते हुवे गृहस्थ आश्रम, वानप्रस्थ आश्रम के बारे में बताया कि प्रत्येक गृहस्थी को अपने परिवार में सुख शान्ति का वातावरण निर्मित करने हेतु परम पूज्य गुरुदेव द्वारा बताये गऐ मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होने बताया कि पावन प्रज्ञा पुराण कथा में सभी समस्याओं के समाधान की बात परम पूज्य गुरुदेव ने लिखी है 3200 पुस्तकों का लेखन परम पूज्य गुरुदेव ने किया है उनके द्वारा लिखित साहित्य में काल के प्रवाह को बदलने की प्रचण्ड तप शक्ति निहित है। आज की विषम परिस्थितियों के निवारण के लिए युग साहित्य का सहारा लिया जा सकता है।
उन्होने कहा कि अगर नवयुग आएगा तो व्यक्ति के विचार शोधन द्वारा ही क्रांति होगी तो वह लहू और लोहे से नही विचारों की विचारों से काट द्वारा होगी। समाज का नवनिर्माण होगा तो वह सद्विचारों की प्रतिष्ठापना द्वारा ही सम्भव होगा। उन्होने बताया कि अभी तक जितनी मलिनता समाज में प्रविष्ट हुई है। वह बुद्धिमानों के माध्यम से ही हुई। द्वेष-कलह,नक्सलवाद, व्यापक नरसंहार जैसे कार्यो में बुद्धिमानों ने ही अग्रणी भूमिका निभाई है। यदि वे सन्मार्गगामी होते, उनके अंत:करण पवित्र होते, तप ऊर्जा का संबल उन्हें मिला होता, तो उन्होने विधेयात्मक विचार प्रवाह को जन्म दिया होता, सदसाहित्य रचा होता। उन्होने बताया कि प्राचीन काल में ऋषि -मुनि समाज के विकास का ध्यान रखते थे। ऋषि जन समुदाय के हित की बात सोचते थे। मुनिगण चिंतन,मनन, स्वाध्याय द्वारा जन-मानस के परिष्कार के अह्म भूमिका निभाते थे। आज जन समुदाय के मन-मस्तिष्क में जो दुर्गति घुस पड़ी है, उसी की परिणति ऐसी परिस्थितियों के रूप में नजर आती है, जिन्हे जटिल,भयावह समझा जा रहा है।
ऐसे वातावरण को बदलने के लिए व्यास की तरह,बुद्ध, गाँधी, कार्लमाक्र्स की तरह, मार्टिंन लूथर किंग, अरविंद, महर्षि रमण की तरह भूमिका निभाने वाले मुनि व ऋषि के युगम की आवश्यकता है, जो प्रत्यक्ष एवं प्ररोक्ष प्रयासों द्वारा विचार क्रांति का प्रयोजन पूरा कर सके। उन्होने बताया कि परम पूज्य गुरुदेव ने व्यक्ति के चिंतन चरित्र को बदलने के लिए युग साहित्य रचा है मानव की विकृतियाँ जो आज समाज में विद्यमान है दैनदिन जीवन की समस्याओं का समाधान यदि सम्भव है तो वह युग साहित्य में ही निहित है। उन्होने बताया कि युवा क्रान्ति वर्ष 2016 में युग चेतना का उत्तरोत्तर विस्तार हो रहा है। समग्र भारत वर्ष में जागरण की लहर सी दौड़ रही है। युगऋषि की युग निर्माण योजना को गति देने के लिए देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे है। वर्तमान समय में लोगो की नासमझी के कारण समाज दिशा भटक रहा, ऐसे में पूज्य गुरुदेव का साहित्य समाज को सही दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। शनिवार शाम को सहत्र वेदीय गायत्री दीप महायज्ञ को आयोजन हुआ जिसमें पं. दिनेश पटेल ने अपने ग्राम को स्वच्छ, सुन्दर, व्यसन मुक्त रखने की जानकारी उपस्थित जन समुदाय को दी।
उन्होने बताया कि जब हमारा गाँव स्वच्छ होगा तो ही हम आदर्श ग्राम योजना की बात कह सकते है उन्होने कहा कि गायत्री परिवार शान्तिकुंज हरिद्वार द्वारा पूरे देश मे स्वच्छता संवर्धन के तहत योजनाएँ चलाई जा रही है उसमें आदर्श ग्राम योजना को प्रमुख रूप से लिया गया है आदर्श ग्रामों का निर्माण इस समय की प्रमुख आवश्यकता है इस संदर्भ में जागरूकता के लिए गाँव-गाँव कार्यक्रम आयोजित किए जाने है। गायत्री परिवार के निर्धारण के अनुरूप स्वच्छ, शिक्षित, स्वावलम्बी, संस्कारवान, नशाविहीन, पर्यावरण सम्पन्न एवं जैविक खेती वाले गाँवो के निर्माण का दायित्व युवा वर्ग सँभालेगा तभी यह संकल्प साकार होगा। रविवार प्रात: पावन प्रज्ञापुराण कथा एवं पंचकुण्डीय गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति सम्पन्न हुई। महायज्ञ में आसपास के ग्रामीण भाई-बहनों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया एवं पूर्णाहुति सम्पन्न की। शान्तिकुंज हरिद्वार से आये टोली नायक पं. दिनेश पटेल, नारायण रघुवंशी एवं श्रीगोस्वामीजी को गायत्री परिवार खैरवानी द्वारा भाव भीनी विदाई दी गई। तत्पश्चात शान्तिपाठ कर महाप्रसादी का आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में खैरवानी गायत्री परिवार एवं आसपास के ग्रामीणों अचंल के भाई-बहनों का सहराहणीय सहयोग रहा।
दिनेश साहू गायत्री परिवार मुलताई