बैतूल। संयुक्त मोर्चा कर्मचारी अधिकारी टे्रड युनियनों एवं अन्य संघों के आव्हान पर 20 एवं 21 फरवरी को सम्पूर्ण भारत वर्ष में राष्ट्रव्यापी हड़ताल के तहत 20 एवं 21 फरवरी को जिला मुख्यालय पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका एकता संघ द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की 18 सूत्रिय मांगों को लेकर आंगनवाड़ी केन्द्र बंद रखते हुए जिले भर से सैकड़ों कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं बैतूल पहुंचकर धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन के पश्चात राष्ट्रपति के नाम से डिप्टी कलेक्टर एसआर सहारे को ज्ञापन सौंपा। संघ की प्रांतीय अध्यक्ष श्रीमति राजपाल ने बताया कि शासन हमारी मांगों पर गंभीर नहीं दिख रहा है। इस भीषण मंहगाई के दौर में कार्यकर्ताओं को मात्र 4000 रूपये एवं सहायिकाओं को 2000 रूपये दिया जा रहा है।
आंगनवाड़ी के कार्य के अलावा प्रशासन द्वारा निरंतर कार्य का बोझ डालते हुए हमारा आर्थिक शोषण किया जा रहा है। इस संदर्भ में गत 11 फरवरी को भोपाल एक प्रतिनिधि मंडल महिला बाल विकास आयुक्त से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर आयुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आप लोगों को महिला बाल विकास के 6 कार्यो के अलावा अन्य विभागों के कार्य नहीं करना है। इस संदर्भ में पूर्व में प्रमुख सचिव द्वारा सभी जिल कार्यक्रम एवं महिला बाल विकास अधिकारियों जिला प्रमुखों को पत्र लिख चुकें हैं। श्रीमति राजपाल ने बताया कि 20 फरवरी को जिला भर से सैकंड़ो कार्यकर्ताओं ने भाग लेकर आंदोलन को सफल बनाया। उसी क्रम 21 फरवरी को जिले में सैकड़ो आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं अपनी अपनी आंगनवाड़ी केन्द्र बंद रखकर विरोध व्यक्त किया। इस सफल हड़ताल के लिए कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के प्रति आभार व्यक्त किया है।
20 फरवरी को जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से एकता संघ के पदाधिकारी के अलावा अन्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका शामिल थी जिसमें प्रमुख रूप से महासचिव मधुबाला फुलकर, सुनिता तिवारी, उपाध्यक्ष रूखसाना बानो,सरिता हुरमाड़े, ललिता वर्मा, दुर्गा सोनी, उर्मिला गावंडे, किर्ती पांडे, मंगला बचले, ललिता बनखंडी, उषा गावंडे उर्मिला खाड़े, राशीदा कुरैशी, रीना गुप्ता, सवीता साहू, माया नवघरे, माया सोनी, संगीता डेहरिया, शंकुतला महाले, अर्चना चौहान, सुमन गायकवाड़, कामनी वर्मा, नर्गिस मलैया, विजया पर्ते, गीता साहू पुष्पा साहू, अंजली पाल वंदना मोरे आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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