चिचोली-श्रीमद भागवत कथा पुराण का सत्संग का भव्य चुडिया ग्राम में आयोजन में भारी संख्या में पंहुच रही जन समुदाय में व्यास गादी पर बैठें
कथा वाचक पंडीत भगवती प्रसाद तिवारी ने राजा परिक्षित को सतगुरू शुकदेव जी ने ईश्वर के गंणानुवाद सुनासुना कर राजा को घट में ही आत्मा से परमात्मा का अनुभव करा दिया था हम भी परमात्मा की तलाश बहार करनें के बजाय अपनें ध्यान चिंतन सुमरण सें अपनें अंदर ही अनुभव करनें का प्रयास करें ईश्वर बहार होता है दुर होता है गुफा में होता तो आज वैज्ञानिक युग में सारे साधन है कही भी दुनिया में अभी तक ईश्वर को प्राप्त कर लेते परमात्मा साधन वस्तु पदार्थ धन से नही साधना उपासना सत्कर्म सदज्ञान से अनुभव में मिलता है अमीर गरीब पढा लिखा अनपढ काला गोरा सुन्दर कम उम्र से कोई मतलब नही है ईश्वर तो अपनी लगन से निष्ठा के अनुसार प्राप्त होंगा माता सबरी मीरा बाई ध्रूव प्रहलाद को ईश्वर की प्राप्ती हुई यें उदाहरण है भागवत कथा के मात्र सुननें सें देवत्य जाग्रत होतें है भागवत कथा नियम संयम सें सुनें साधू संत आत्म दुख महसूस कर लेतें है इस दूनिया के लोग जो सुख समझतें है वह सुख नही है पाप करनें से कभी सुख नही मिलता अपनें कर्मो काफल इसी जन्म में मिलेंगा मनुष्य को हर क्षण जनसेवा में लगें रहना चाहियें आपका हर पल परमात्मा की भक्ति में लगा रहें हमेशा सत्संग सुनतें रहनें सें मनुष्य में अच्छे गुण आतें रहेंगें और आपके पाप भी नष्ट हो जायेंगे हमें सबी को एक दिन दुनिया को छोडकर जाना है तो अपनें इस मनुष्य रूपी जीवन में कूछ एैसा काम करों ताकी दुनिया तुम्हें जनम जन्मांतर तक याद रखें ।